पूज्य गुरुजी - हमारे हृदय में सदा विराजमान
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🌟 पूज्य गुरुजी 🌟
हमारे हृदय में सदा विराजमान

परम्परा आचार्य आश्रम चित्रकूट

"परहित सरिस धरम नहिं भाई।"

हमारी आधिकारिक वेबसाइट में आपका स्वागत है। हम अपनी वेबसाइट और YouTube के माध्यम से आप सभी से जुड़कर प्रेरणादायक वक्तव्य, मधुर भजन, सत्य और धार्मिक मार्गदर्शन के साथ हमारी दुनिया की एक झलक दिखाते हैं।

🕉️ आश्रम का परिचय

आचार्य आश्रम, श्रीचित्रकूट तीर्थ के प्राचीन तथा सर्वश्रेष्ठ आश्रमों में से एक है। जनश्रुति के अनुसार यह वही स्थान है जहाँ श्रीचित्रकूट आगमन पर वसिष्ठ जी ने निवास किया था। वसिष्ठ जी राजगुरु थे अतः यह स्थान राजगुरु आश्रम कहा जाने लगा।

कालान्तर में जयपुरनरेश सवाई मानसिंह के गुरु पधोरे जी महाराज ने यहाँ तपस्या की। उनके लिए राजा मानसिंह ने गौशाला तथा आश्रम का निर्माण करवाया तथा जयपुर राज्य की ओर से एक निश्चित वार्षिक धनराशि आश्रम के संचालन हेतु प्रेषित किये जाने की व्यवस्था की। जो कुछ वर्ष पूर्व तक प्राप्त होती रही है।

इस आश्रम से अनेक राजा महाराजा एवं राजपरिवार दीक्षित होते रहे हैं। जयपुर नरेश सहित अनेक राजपरिवारों गुरु होने से भी यह आश्रम, राजगुरु आचार्यआश्रम के नाम से जाना जाता है।

यह आश्रम श्रीवैष्णवसम्प्रदाय की दक्षिणभारतीय उत्तरअहौविल गद्दी से सम्बद्धित है। यहाँ ब्राह्मण कुल में जन्म लेने वाले बालब्रह्मचारी वेदान्त तथा आचराणपवित्र विरक्त सन्त को कठिन परीक्षा के उपरान्त उत्तराधिकार सौंपा जाता है।

श्रीस्वामी जी गुरु आज्ञा को शिरोधार्य करके इस आश्रम की राजगुरु गद्दी पर मद्दमभिषिक्त होने वाले ग्यारहवाँ राजगुरु हैं। जो सर्वदा ही निर्विकार भाव से तपस्यापूर्ण आदर्शमय जीवन यापन करते रहे हैं। श्रीस्वामी जी प्राणिमात्र को राममय मानकर उनकी नि:स्वार्थ सेवा को भगवान की सबसे बड़ी पूजा मानते थे।

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प्रेरणा
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भजन
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ज्ञान
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सेवा

🎯 हमारे विशेषताएं

  • प्रेरणादायक व्याख्यान
  • 🎼 मधुर भक्ति संगीत
  • 📖 धार्मिक मार्गदर्शन
  • 🤝 समाज सेवा
  • 🌟 आध्यात्मिक जागृति

🏆 हमारी विरासत

सदियों पुराना आध्यात्मिक केंद्र जो निरंतर धर्म, अध्यात्म और मानवता की सेवा में समर्पित है। राजगुरु परम्परा का गौरवशाली इतिहास।

🔴 LIVE कथा शेड्यूल

साप्ताहिक कथा का LIVE प्रसारण - प्रतिदिन आध्यात्मिक ज्ञान का अमृत पान

📖 इस सप्ताह का विषय

श्रीमद्भगवद्गीता - कर्मयोग

चैप्टर 3: कर्म का रहस्य और निष्काम कर्म की महिमा

LIVE कथा दिवस 3 Thumbnail
LIVE
2:15:30
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दिवस 3 - LIVE कथा प्रसारण | परम्परा आचार्य आश्रम चित्रकूट | श्रीमद्भगवद्गीता

परम्परा आचार्य आश्रम नवीनतम अपलोड
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LIVE
LIVE कथा दिवस 2 Thumbnail
2:08:45
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दिवस 2 - कथा प्रसारण | परम्परा आचार्य आश्रम चित्रकूट | आध्यात्मिक प्रवचन

परम्परा आचार्य आश्रम दूसरा दिन
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LIVE कथा दिवस 1 Thumbnail
1:58:22
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दिवस 1 - प्रारंभिक कथा | परम्परा आचार्य आश्रम चित्रकूट | पावन प्रसारण

परम्परा आचार्य आश्रम प्रारंभिक दिन
1.5K views 2 days ago
🔔 तीन दिवसीय कथा श्रृंखला

यहाँ पिछले तीन दिनों की LIVE कथा का संकलन है। आप किसी भी दिन की कथा को दोबारा सुन सकते हैं।

🔴 दिवस 3 - नवीनतम
📅 दिवस 2
🌅 दिवस 1 - प्रारंभ

🔔 LIVE कथा की सूचना पाएं

LIVE कथा का समय और लिंक आपको ईमेल पर मिलेगा

📿 शिक्षाएं और दर्शन

हमारी शिक्षाएं सनातन धर्म की मूलभूत सिद्धांतों पर आधारित हैं और आधुनिक जीवन में उनका प्रयोग

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भक्ति योग

भगवान के प्रति पूर्ण समर्पण और प्रेम के माध्यम से मोक्ष का मार्ग

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ध्यान साधना

मन की शांति और आत्म-साक्षात्कार के लिए नियमित ध्यान अभ्यास

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सेवा भाव

निःस्वार्थ सेवा के माध्यम से मानवता की भलाई और आध्यात्मिक विकास

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शास्त्र अध्ययन

वेदों, उपनिषदों और गीता के ज्ञान का अध्ययन और जीवन में प्रयोग

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"लोकसंग्रहमेवापि संपश्यन्कर्तुमर्हसि"

हमारा मूल सिद्धांत है कि जो लोक (समाज) के कल्याण के लिए कार्य करता है, वही ऊर्ध्वगति को प्राप्त करता है। यह न केवल एक जीवन दर्शन है बल्कि आध्यात्मिक विकास का मार्ग भी है।

🏛️ हमारे आश्रम

तीन पवित्र स्थानों पर स्थित हमारे आश्रम जहाँ आध्यात्मिक साधना और सेवा का कार्य निरंतर चलता रहता है

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मुख्य आश्रम

चित्रकूट आश्रम

हमारा मुख्य आश्रम चित्रकूट में स्थित है, जहाँ भगवान राम ने वनवास के दौरान निवास किया था। यह पवित्र भूमि आध्यात्मिक साधना के लिए सबसे उत्तम है।

📍 चित्रकूट, मध्य प्रदेश
मुख्य केंद्र
🎯 दैनिक सत्संग और प्रवचन
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गंगा तट

हरिद्वार आश्रम

पवित्र गंगा के तट पर स्थित हमारा आश्रम जहाँ श्रद्धालुओं को गंगा आरती और आध्यात्मिक स्नान का अवसर मिलता है।

📍 हरिद्वार, उत्तराखंड
🌊 गंगा आरती
🧘 ध्यान और योग केंद्र
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कृष्ण भूमि

वृंदावन आश्रम

भगवान कृष्ण की लीला भूमि वृंदावन में स्थित हमारा आश्रम जहाँ भक्ति संगीत और कृष्ण भजन का विशेष आयोजन होता है।

📍 वृंदावन, उत्तर प्रदेश
🎵 भजन और कीर्तन
💐 कृष्ण भक्ति केंद्र

📚 शिक्षा संस्थान

प्राचीन गुरुकुल परंपरा के अनुसार वेदविद्या और संस्कृत शिक्षा का संरक्षण

🎓

श्रीबलरामदेशिक संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय

निशुल्क आवासीय संस्कृत शिक्षा संस्थान

🏛️ विद्यालय का परिचय

श्रीस्वामीजी द्वारा प्राचीन गुरुकुल परंपरा के अनुसार वेदविद्या तथा शास्त्रपरंपरा के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार हेतु निशुल्क आवासीय संस्कृत विद्यालय की स्थापना आचार्य आश्रम में की गयी। जहाँ अनेक ब्राह्मण वटुक अध्ययन कर जीवन का पथ प्रशस्त कर रहे हैं।

📍 स्थान: आचार्य आश्रम, चित्रकूट
🎯 उद्देश्य: वेदविद्या और शास्त्र परंपरा का संरक्षण
💝 शुल्क: पूर्णतः निशुल्क आवासीय शिक्षा

📖 विशेषताएं

  • प्राचीन गुरुकुल परंपरा
  • 📚 संस्कृत और वेद अध्ययन
  • 🏠 आवासीय सुविधा
  • 👨‍🎓 योग्य आचार्यों द्वारा शिक्षा
  • 🌟 चरित्र निर्माण पर विशेष ध्यान

📞 प्रवेश हेतु संपर्क करें

आचार्य आश्रम, चित्रकूट

🎬 कक्षा का दृश्य

गुरुकुल में पाठ

विद्यार्थियों के साथ संस्कृत शिक्षा का प्रत्यक्ष दृश्य

📸 विद्यालय की झलकियां

गुरुकुल कक्षा - 1

शिक्षा कक्ष

विद्यार्थियों की अध्ययन गतिविधि

गुरुकुल कक्षा - 2

संस्कृत अध्ययन

प्राचीन पद्धति से शिक्षा

गुरुकुल कक्षा - 3

गुरु-शिष्य परंपरा

आचार्य के साथ अध्ययन

गुरुकुल कक्षा - 4

वेद अध्ययन

वैदिक शिक्षा की पारंपरिक पद्धति

गुरुकुल कक्षा - 5

छात्र गतिविधि

विद्यालय की दैनिक गतिविधियां

गुरुकुल कक्षा - 6

शिक्षा परिसर

विद्यालय का शैक्षणिक वातावरण

📋 सूचना पट्ट

आगामी कार्यक्रम, विशेष अवसर और आश्रम की महत्वपूर्ण घोषणाएं

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श्री राम कथा

आध्यात्मिक महोत्सव

📅

कार्यक्रम तिथि

20 अक्टूबर से 28 अक्टूबर 2025 तक

📍

कथा स्थल

आचार्य आश्रम नयागांव चित्रकूट
दीपावली

🎙️

कथावाचक

श्री श्री 1008 श्री राजगुरु स्वामी बद्री प्रपन्नाचार्य जी महाराज

🕉️

मंत्र

श्री मते रामानुजाय नमः

🌟 विशेष आमंत्रण

सभी श्रद्धालु भक्तों का हार्दिक स्वागत है। यह एक दुर्लभ अवसर है श्री राम कथा की पावन गाथा सुनने का। दीपावली के शुभ अवसर पर विशेष कार्यक्रम।

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9 दिवसीय

महाकथा

🎙️

साप्ताहिक सत्संग

हर रविवार

समय: शाम 6:00 से 8:00 बजे

गीता पाठ और आध्यात्मिक प्रवचन

🔴 अगला सत्संग: इस रविवार

🪔

दीपावली महोत्सव

20 अक्टूबर 2025

विशेष पूजा और प्रसाद वितरण

समय: प्रातः 6:00 से रात्रि 10:00 बजे

✨ सभी भक्तों का स्वागत है

📺

लाइव प्रवचन

YouTube पर

दैनिक प्रवचन और भजन

समय: प्रातः 7:00 और सायं 7:00

🔔 अपडेट के लिए सब्सक्राइब करें

🤝

सेवा कार्यक्रम

हर शनिवार

आश्रम सफाई और भोजन वितरण

समय: प्रातः 9:00 से दोपहर 1:00

🙏 सेवा में जुड़ें

📖

गीता पाठशाला

नया बैच

6 सप्ताह का कोर्स

पंजीकरण खुला है

📝 अभी रजिस्टर करें

🔥

महामृत्युंजय यज्ञ

मासिक कार्यक्रम

स्वास्थ्य और कल्याण के लिए

अगला यज्ञ: 15 फरवरी 2025

🕉️ सहभागिता आमंत्रित

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रम्भा एकादशी

विशेष व्रत और आध्यात्मिक अवसर

📅

एकादशी तिथि

17 अक्टूबर 2025, दिन शुक्रवार

कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष

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पूजा विधि

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा

प्रातःकाल स्नान और विशेष आरती

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व्रत नियम

निराहार व्रत या फलाहार

अनाज का त्याग, सात्विक भोजन

🕰️

पारणा समय

18 अक्टूबर प्रातःकाल

सूर्योदय के बाद व्रत खोलना

📿 महत्व एवं फल

  • पाप मुक्ति और आध्यात्मिक शुद्धता प्राप्ति
  • समृद्धि, सुख-शांति और सामंजस्य की प्राप्ति
  • भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद
  • मानसिक शांति और आंतरिक पवित्रता
  • दान-पुण्य का विशेष महत्व

🔔 विशेष सूचना

आश्रम में विशेष पूजा और आरती का आयोजन होगा। भक्तजन सुबह 6 बजे से सहभागिता कर सकते हैं।

रम्भा एकादशी 2025 - श्री मते रामानुजाय नमः

रम्भा एकादशी विशेष

🕉️

मंत्र जाप

"हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे"

"ॐ नमो भगवते वासुदेवाय"

📚 आध्यात्मिक कथाएं

प्रेरणादायक कहानियां जो जीवन में आध्यात्मिक प्रकाश लाती हैं

🏺

खाली घड़ा

एक बार एक संत अपने शिष्य के साथ नदी किनारे गए। संत ने शिष्य से कहा, "इस खाली घड़े को पानी में डाल दो।" शिष्य ने घड़ा पानी में डाला। घड़ा पानी की सतह पर तैरने लगा।

फिर संत ने कहा, "अब इसमें पानी भर दो।" जैसे ही घड़े में पानی भरा, वह नीचे डूब गया। संत ने समझाया: "जब तक मन में अहंकार है, तब तक आत्मा सतह पर भटकती रहती है। जब अहंकार चला जाता है और विनम्रता आ जाती है, तब आत्मा गहराई में जाकर सत्य को पा लेती है।"

🙏 शिक्षा: विनम्रता से ही सत्य की प्राप्ति होती है

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बीज और वृक्ष

एक छोटा बीज पेड़ से पूछता है, "मैं इतना छोटा हूं, क्या मैं कभी आपकी तरह बड़ा हो पाऊंगा?" पेड़ मुस्कराते हुए कहता है, "बेटा, तुम्हारे अंदर पूरा वन छुपा हुआ है।"

"लेकिन मुझे पता नहीं कैसे?" बीज ने पूछा। पेड़ ने उत्तर दिया: "धैर्य रख, मिट्टी में जा, अंधकार को स्वीकार कर, और समय आने पर प्रकाश की ओर बढ़। जो कुछ तेरे अंदर है, वह प्रकट होगा।"

🌟 शिक्षा: हर आत्मा में असीम संभावनाएं हैं

💎

हीरे की खोज

एक व्यक्ति हीरे की तलाश में दूर-दूर गया। वर्षों बाद निराश होकर वापस आया। घर की खुदाई के दौरान उसे पता चला कि उसके घर के नीचे ही हीरों की खान थी।

उसने महसूस किया: "मैं जो खज़ाना दूर में खोज रहा था, वह मेरे पास ही था।" ठीक इसी तरह, जिस परमात्मा को हम दूर खोजते हैं, वह हमारे अंतर में ही विद्यमान है।

✨ शिक्षा: ईश्वर हमारे हृदय में ही निवास करते हैं

🕯️

दीपक और अंधकार

अंधकार ने दीपक से कहा, "तुम कितने भी प्रकाश फैलाओ, मैं हमेशा कहीं न कहीं रहूंगा।" दीपक ने मुस्कराते हुए उत्तर दिया, "यह सच है, लेकिन जहां मैं हूं, वहां तुम नहीं हो सकते।"

"और यही मेरा उद्देश्य है - जहां मैं जाऊं, वहां प्रकाश हो। तुम्हारे साथ लड़ना नहीं, बल्कि अपना धर्म निभाना।"

🌟 शिक्षा: बुराई से लड़ने के बजाय अच्छाई फैलाएं

🏔️

केदारनाथ की महागाथा

जब भगवान शंकर एक हजार वर्ष तक महामोह में पड़े रहे, तो वे तेजरहित और शक्तिहीन दिखने लगे। महेश्वर ने अपने अंगों को निस्तेज देखकर तप करने का निश्चय किया।

उन्होंने माता पार्वती को धैर्य दिलाया और नंदी को उनकी रक्षा के लिए नियुक्त कर पृथ्वी पर विचरण करने लगे। वे हिमालय के समतल पर्वतीय स्थान पर आसन लगाकर कुम्भक प्राणायाम करने लगे।

शंकर जी के कपाल को फोड़कर ज्वालामयी गुल्ली उनकी जटा से निकलकर पृथ्वी पर गिरी। उस गुल्ली के गिरने से पर्वत टूट-फूटकर समतल हो गया और वहाँ केदार नाम का प्रसिद्ध तीर्थ बन गया।

महादेव ने केदार को पुण्य की वृद्धि करने वाला और मोक्ष के साधन का वर दिया।

🙏 शिक्षा: तप और त्याग से ही दिव्य शक्ति की प्राप्ति होती है

⚖️

कर्म की गति

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करने आए। विष्णु जी ने लक्ष्मी से कहा कि बिना पूछे कोई कार्य न करें।

एक किसान के खेत में सुंदर फूल देखकर माता लक्ष्मी ने एक फूल तोड़ लिया। भगवान विष्णु ने कहा कि अब तुम्हें इस किसान के घर में 6 मास तक काम करना होगा।

लक्ष्मी जी बूढ़ी औरत का रूप धारण कर किसान के घर गईं। गरीब किसान ने आदर सहित उन्हें रख लिया। उसी दिन से किसान को प्रतिदिन लाभ होने लगा।

6 मास बाद माता लक्ष्मी ने साक्षात् दर्शन देकर किसान को आशीर्वाद दिया। भगवान की लीला में छुपे गहरे रहस्य का यह उदाहरण है।

✨ शिक्षा: भगवान की लीला में छुपे होते हैं कल्याणकारी रहस्य

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गुरुकुल शिक्षा प्रणाली

गुरुकुल में क्या पढ़ाया जाता था? यह जान लेना अति आवश्यक है।

🔥 प्राकृतिक विज्ञान: अग्नि विद्या (metallergy), वायु विद्या (flight), जल विद्या (navigation), अंतरिक्ष विद्या (space science), पृथ्वी विद्या (environment), सूर्य विद्या (solar study), चन्द्र व लोक विद्या (lunar study), मेघ विद्या (weather forecast), पदार्थ विद्युत विद्या (battery), सौर ऊर्जा विद्या (solar energy), दिन रात्रि विद्या (day-night studies)।

🌌 खगोल व भूविज्ञान: सृष्टि विद्या (space research), खगोल विद्या (astronomy), भूगोल विद्या (geography), काल विद्या (time), भूगर्भ विद्या (geology and mining), रत्न व धातु विद्या (gems and metals), आकर्षण विद्या (gravity), प्रकाश विद्या (solar energy), तार विद्या (communication)।

✈️ यान व अस्त्र विद्या: विमान विद्या (plane), जलयान विद्या (water vessels), अग्नेय अस्त्र विद्या (arms and ammunition), जीव जंतु विज्ञान विद्या (zoology botany), यज्ञ विद्या (material science)।

🏭 वैदिक विज्ञान व व्यावहारिक कलाएं: वाणिज्य (commerce), कृषि (agriculture), पशुपालन (animal husbandry), पक्षिपालन (bird keeping), पशु प्रशिक्षण (animal training), यान यन्त्रकार (mechanics), रथकार (vehicle designing), रतन्कार (gems), सुवर्णकार (jewellery designing), वस्त्रकार (textile), कुम्भकार (pottery), लोहकार (metallergy), तक्षक (guarding), रंगसाज (dying)।

🏥 चिकित्सा व सेवा: आयुर्वेद (Ayurveda), रज्जुकर (logistics), वास्तुकार (architect), पाकविद्या (cooking), सारथ्य (driving), नदी प्रबन्धक (water management), सुचिकार (data entry), गोशाला प्रबन्धक (animal husbandry), उद्यान पाल (horticulture), वन पाल (horticulture), नापित (paramedical)।

📊 तुलनात्मक तथ्य: इंग्लैंड में पहला स्कूल 1811 में खुला, उस समय भारत में 732,000 गुरुकुल थे। खोजिए हमारे गुरुकुल कैसे बन्द हुए? वेद ज्ञान विज्ञान को चमत्कार छूमंतर व मनघड़ंत कहानियों में कैसे बदला गया।

🕉️ उपनिषदों में वैज्ञानिक सत्य: तैत्तिरीयोपनिषद में ऋषि भृगु ने बताया: "विज्ञान ब्रह्मेति" - विज्ञान से ही समस्त प्राणी उत्पन्न होते हैं, विज्ञान से ही जीवन जीते हैं, अंत में विज्ञान में ही प्रविष्ट हो जाते हैं।

🔨 विश्वकर्मा शिल्पी परंपरा: पांच प्रकार के श्रेष्ठ शिल्पों के कर्ता शिल्पी ब्राह्मणों को पांचाल कहा जाता था। वैदिक ऋषि सभी वैज्ञानिक कार्य करते थे। सुई से लेकर हवाई जहाज, युद्ध पोत, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आधुनिक CNC मशीन, सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर सब अग्नि विद्या (metallergy) की देन है।

🚀 निष्कर्ष: वेद ज्ञान-विज्ञान से राष्ट्र निर्माण होता है, पाखण्ड से नहीं। वैदिक शिल्पी विश्वकर्मा ऋषियों द्वारा भारत की सनातन संस्कृति विश्वगुरु कहलाई। संसार के सभी जीव शिल्प विज्ञान के द्वारा ही जीवन यापन करते हैं।

🌟 शिक्षा: सच्ची शिक्षा व्यावहारिक और आध्यात्मिक दोनों होती है

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हस्तामलक की कथा

श्रीबली गाँव में प्रभाकर नाम के ब्राह्मण का एक पुत्र था जो मूक और उदासीन दिखता था। जब शंकराचार्य उस गाँव में आए तो प्रभाकर अपने पुत्र को लेकर उनके पास गया।

शंकराचार्य के प्रश्न पूछने पर उस बालक ने अद्भुत उत्तर दिए: "नाहं मनुष्यो न च देवयक्षौ... निजबोधरूपः" - मैं मनुष्य, देव या यक्ष नहीं हूँ, मैं ज्ञानस्वरूप आत्मा हूँ।

बालक ने कहा: "जैसे दर्पण में मुख का प्रतिबिम्ब दिखता है वैसे ही बुद्धि में आत्मा का प्रतिबिम्ब दिखता है। मैं वही नित्य ज्ञानस्वरूप आत्मा हूँ।"

शंकराचार्य समझ गए कि यह बालक ब्रह्मवेत्ता है। उन्होंने इसका नाम हस्तामलक रखा और यह बाद में उनके चार पट्टशिष्यों में से एक बना।

🙏 शिक्षा: आत्म-साक्षात्कार ही सच्चा ज्ञान है

भक्तराज ध्रुव की कथा

स्वयाम्भुव मनु के पुत्र राजा उत्तानपाद की दो रानियां थीं - सुनीति और सुरुचि। सुरुचि का पुत्र उत्तम और सुनीति का पुत्र ध्रुव था। राजा का सुरुचि से अधिक प्रेम था।

एक दिन जब ध्रुव पिता की गोद में बैठना चाहता है तो सुरुचि कहती है: "तुझे राजसिंहासन चाहिए तो परम पुरुष श्रीनारायण की तपस्या कर और मेरी कोख से जन्म ले।" ध्रुव को बहुत क्रोध आया।

माता सुनीति ने समझाया: "बेटा, यदि राजसिंहासन चाहता है तो द्वेषभाव छोड़कर अधोयक्षज भगवान के चरणकमलों की आराधना में लग जा।" ध्रुव ने वैराग्य धारण कर वन की ओर प्रस्थान किया।

मार्ग में नारद जी मिले। उन्होंने मधुवन जाने का उपदेश दिया और "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय" मंत्र प्रदान किया। ध्रुव ने यमुना में स्नान कर एकाग्रचित्त से परमपुरुष श्रीनारायण की उपासना आरम्भ की।

तपस्या काल: पहले महीने तीन-तीन रात्रि अंतर से फल, दूसरे महीने छः-छः दिन अंतर से घास-पत्ते, तीसरे महीने नौ-नौ दिन अंतर से जल, चौथे महीने बारह-बारह दिन अंतर से वायु।

पांचवे महीने ध्रुव एक पैर पर खड़े हुए। उनके अंगूठे से दबकर आधी पृथ्वी झुक गई। सभी जीवों का श्वास रुक गया। देवता घबराकर श्रीहरि की शरण में गए।

भगवान गरुड़ पर चढ़कर मधुवन आए। ध्रुव के ध्यान से रूप को खींचकर साक्षात दर्शन दिया। शंख स्पर्श से ध्रुव को वेदमयी वाणी प्राप्त हुई और उन्होंने भगवान की स्तुति की।

भगवान ने वरदान दिया: "सप्तर्षिगण जिसकी प्रदक्षिणा करते हैं, वह ध्रुवलोक मैं तुझे देता हूं। तू छत्तीस हजार वर्ष धर्मपूर्वक पृथ्वी का पालन करेगा।"

ध्रुव ने राज्य करके अंत में बद्रिकाश्रम में तप किया। दिव्य विमान में मृत्यु के सिर पर पैर रखकर माता सुनीति सहित वैकुण्ठधाम पहुंचे और ध्रुव लोक के स्वामी बने।

⭐ शिक्षा: सच्ची भक्ति से असंभव भी संभव हो जाता है

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गुरु मंत्र की आवश्यकता

एक शिष्य ने गुरु से पूछा: "गुरुजी, क्या मंत्र जप के बिना मोक्ष नहीं मिल सकता?" गुरु ने कहा: "बेटा, पहले तुम एक काम करो।"

"इस घड़े में छेद कर दो और फिर इसमें पानी भरने की कोशिश करो।" शिष्य ने वैसा ही किया। पानी छेद से निकलता रहा और घड़ा खाली रह गया।

गुरु ने समझाया: "तुम्हारा मन इस छेद वाले घड़े के समान है। विकार रूपी छेदों से शुभ संस्कार निकलते रहते हैं।"

"गुरु मंत्र उस पैच की तरह है जो छेदों को बंद कर देता है। तब जाकर अध्यात्म रूपी जल मन में ठहरता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।"

🕉️ शिक्षा: गुरु मंत्र मन के विकारों को दूर करता है

अपनी प्रेरणादायक कहानी साझा करें

क्या आपके पास कोई आध्यात्मिक अनुभव या प्रेरणादायक कहानी है?

🙏 पूज्य गुरुजी

हमारे प्रेरणास्रोत और आध्यात्मिक मार्गदर्शक के पावन चित्र - जो हमारे हृदय में सदा विराजमान हैं

पूज्य महाराज जी

पूज्य महाराज जी

गुरु महाराज का दिव्य दर्शन

गुरुजी का आशीर्वाद

गुरुजी का आशीर्वाद

प्रेम और करुणा के साथ

महाराज जी का प्रवचन

महाराज जी का प्रवचन

आध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार

बड़े महाराज जी

बड़े महाराज जी

आध्यात्मिक मार्गदर्शक

बड़े महाराज जी - दर्शन

बड़े महाराज जी

दिव्य दर्शन

बड़े महाराज जी - सत्संग

बड़े महाराज जी

सत्संग में

बड़े महाराज जी - आशीर्वाद

बड़े महाराज जी

आशीर्वाद प्रदान करते हुए

बड़े महाराज जी - ध्यान

बड़े महाराज जी

ध्यान में लीन

बड़े महाराज जी - कृपा

बड़े महाराज जी

दिव्य कृपा

बड़े महाराज जी - उपदेश

बड़े महाराज जी

आध्यात्मिक उपदेश

गुरुजी को पुष्प अर्पण

पुष्प अर्पण

श्रद्धा और भक्ति से

गुरुजी के साथ

गुरु-शिष्य मिलन

सत्संग का पावन क्षण

🕉️ गुरु परम्परा

प्राचीन काल से अब तक की महान गुरु परम्परा - जो हमारे आध्यात्मिक मार्ग को प्रकाशित करती है

गुरु परम्परा
॥ गुरु ॥

प्राचीन गुरु परम्परा

सनातन धर्म की अमर गुरु परम्परा जो युगों से ज्ञान की ज्योति जलाती आई है। ये महान आत्माएं हमारे मार्गदर्शक हैं।

गुरु परम्परा
॥ गुरु ॥

दिव्य गुरु परम्परा

धर्म और अध्यात्म के प्रकाशक, जिन्होंने मानवता को सत्य का मार्ग दिखाया। इनके आशीर्वाद से हमारा जीवन धन्य होता है।

गुरु परम्परा
॥ गुरु ॥

महान गुरु आत्मा

आध्यात्मिक ज्ञान के भंडार, जिन्होंने अपने तप और साधना से संसार को प्रेम और दया का मार्ग दिखाया।

गुरु परम्परा
॥ गुरु ॥

पावन गुरु चरण

जिनके चरणों में बैठकर शिष्यों ने ज्ञान पाया। इनकी कृपा से ही हमारे जीवन में सुख-शांति आती है।

गुरु परम्परा
॥ गुरु ॥

सद्गुरु कृपा

सद्गुरु की कृपा से ही जीवन में परिवर्तन आता है। ये महान आत्माएं हमारे अंधकार को मिटाकर प्रकाश लाती हैं।

गुरु परम्परा
॥ गुरु ॥

गुरु महिमा

गुरु की महिमा अपरंपार है। ये दिव्य व्यक्तित्व हमारे जीवन को सार्थक बनाते हैं और मोक्ष का मार्ग दिखाते हैं।

गुरु परम्परा
॥ गुरु ॥

आध्यात्मिक गुरु

आध्यात्म की सच्ची शिक्षा देने वाले महान गुरु। इनके उपदेशों से हमारा मन शुद्ध होता है और आत्मा को शांति मिलती है।

गुरु परम्परा
॥ गुरु ॥

दिव्य प्रकाश

जिनके जीवन से दिव्य प्रकाश निकलता है। ये महान संत हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं और हमें सही राह दिखाते हैं।

गुरु परम्परा
॥ गुरु ॥

गुरु चरणामृत

गुरु के चरणों में ही सच्चा अमृत है। इनकी सेवा और भक्ति से हमारे सभी पाप धुल जाते हैं और जीवन पवित्र हो जाता है।

गुरु परम्परा
॥ गुरु ॥

संत परम्परा

संतों की अमर परम्परा जो हमारे समाज को शुद्ध करती है। इनके आशीर्वाद से हमारे घर में सुख-समृद्धि आती है।

गुरु परम्परा
॥ गुरु ॥

गुरु आशीर्वाद

गुरु का आशीर्वाद ही हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है। इनकी कृपा से हमारे जीवन में सफलता और खुशियां आती हैं।

गुरु महिमा

"गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाय।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।।"

- संत कबीर दास जी

🎞️ दुर्लभ वीडियो

गुरुजी के अनमोल क्षण और दुर्लभ दर्शन - जो कहीं और उपलब्ध नहीं हैं

🔴 दुर्लभ

गुरुजी का विशेष प्रवचन

आध्यात्मिक ज्ञान की अनमोल बातें जो केवल यहीं उपलब्ध हैं

🎬 दुर्लभ संग्रह विशेष रिकॉर्डिंग
🔴 दुर्लभ

आश्रम के प्राचीन क्षण

आश्रम के इतिहास के महत्वपूर्ण पल जो आज दुर्लभ हैं

🎬 ऐतिहासिक अनमोल धरोहर
🔴 दुर्लभ

भक्तों के साथ संवाद

गुरुजी के भक्तों के साथ हृदयस्पर्शी बातचीत के दुर्लभ दृश्य

🎬 व्यक्तिगत हृदयस्पर्शी
🎥

विशेष सूचना

ये वीडियो परम्परा आचार्य आश्रम के दुर्लभ संग्रह से हैं। इन्हें कहीं और साझा करना या डाउनलोड करना मना है। कृपया इन अनमोल क्षणों का सम्मान करें और केवल आध्यात्मिक उद्देश्य से देखें।

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🌍 5वां अंतर्राष्ट्रीय SDG सम्मेलन

6-7 अक्टूबर 2025, चित्रकूट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय SDG सम्मेलन में गुरुजी का आशीर्वाद

🌍

5th International SDG Conference

चित्रकूट • 6-7 अक्टूबर 2025

🙏 गुरुजी का विशेष आशीर्वाद

चित्रकूट में आयोजित 5वें अंतर्राष्ट्रीय SDG (सतत विकास लक्ष्य) सम्मेलन में पूज्य स्वामी जी महाराज का दिव्य दर्शन और आशीर्वाद। यह सम्मेलन 6 से 7 अक्टूबर 2025 तक आयोजित हुआ, जहाँ विश्व भर के विद्वान और नेता सतत विकास के लिए एकत्रित हुए।

📅
तारीख
6-7 अक्टूबर 2025
📍
स्थान
चित्रकूट
🌟
उद्देश्य
सतत विकास लक्ष्य

"सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत्॥"

गुरुजी के आशीर्वाद के साथ विश्व कल्याण की कामना

🙏 भक्त सेवाएं

आश्रम में भक्तों के लिए उपलब्ध आध्यात्मिक सेवाएं और सुविधाएं

🕉️

दैनिक आध्यात्मिक सेवाएं

  • • प्रातः एवं संध्या आरती
  • • मंत्र जप एवं हवन
  • • सत्संग एवं प्रवचन
  • • सामूहिक ध्यान
  • • भजन कीर्तन
🎉

विशेष समारोह

  • • जन्मदिन समारोह
  • • संकल्प एवं आशीर्वाद
  • • विशेष पूजा हवन
  • • प्रसाद भंडारा
  • • दीप दान सेवा
🏠

निवास एवं साधना

  • • अतिथि गृह सुविधा
  • • आध्यात्मिक रिट्रीट
  • • योगिक जीवनशैली
  • • सात्विक भोजन
  • • आयुर्वेदिक मार्गदर्शन
🤝

सेवा के अवसर

  • • गो सेवा
  • • रसोई लंगर सेवा
  • • बागवानी सफाई
  • • अन्नदान सेवा
  • • शिक्षा सेवा

🙏 दान दक्षिणा

"दान महापुण्य है। आश्रम की सेवा में आपका योगदान न केवल धर्म कार्यों में सहायक है बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी है।"

🕉️ "दातव्यमिति यद्दानं दीयतेऽनुपकारिणे"

जो दान बिना किसी अपेक्षा के दिया जाता है, वही सच्चा दान है।

📱

UPI भुगतान

तुरंत और सुरक्षित भुगतान के लिए UPI का उपयोग करें

PhonePe: +91 8103033378

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बैंक ट्रांसफर

सीधे बैंक खाते में दान राशि भेजें

Account Name: Sri Balram Deshik Sanskrit Vidya Peeth, Chitrakoot
Account No: 35002644365
IFSC Code: SBIN0016748
Bank: State Bank of India
Branch: Chitrakoot

कृपया donation के बाद receipt के लिए संपर्क करें

🙏

सेवा के विकल्प

विभिन्न प्रकार की सेवाओं में योगदान दें

🍽️ अन्नदान सेवा
भंडारा और प्रसाद वितरण
📚 शिक्षा सेवा
पुस्तक और शैक्षिक सामग्री
🏥 चिकित्सा सेवा
निःशुल्क चिकित्सा सहायता
🏗️ निर्माण सेवा
आश्रम के विकास में योगदान

"यज्ञदानतपःकर्म न त्याज्यं कार्यमेव तत्।"

यज्ञ, दान और तप - ये कर्म त्यागने योग्य नहीं हैं, इन्हें अवश्य करना चाहिए।

"दानं भोग्यं यज्ञो रक्षा।"

दान देना, भोग करना, यज्ञ करना और रक्षा करना - ये चार गुण हैं।

"सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।"

सभी सुखी हों, सभी रोगमुक्त रहें। सभी का कल्याण हो, किसी को कोई दुःख न हो।

दान संबंधी किसी भी जानकारी के लिए संपर्क करें:

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परम्परा आचार्य आश्रम चित्रकूट

चित्रकूट, मध्य प्रदेश, भारत

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  • 🌊 हरिद्वार
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